केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने साल 2025 के बोर्ड परीक्षा के नतीजों के डिजिटल दस्तावेज़ (मार्कशीट, सर्टिफिकेट और माइग्रेशन सर्टिफिकेट) को डिजिलॉकर के जरिए उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है। इसके लिए छात्रों को एक 6 अंकों का एक्सेस कोड चाहिए, जो उनके स्कूल द्वारा प्रदान किया जाएगा। आइए, इस पूरी प्रक्रिया को आसान हिंदी में समझते हैं।
स्कूलों के लिए एक्सेस कोड डाउनलोड करने की प्रक्रिया
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महत्वपूर्ण नोट्स
अगर आपका मोबाइल नंबर पहले से ही डिजिलॉकर में रजिस्टर्ड है, तो आपको सीधे अपने अकाउंट में रिडायरेक्ट किया जाएगा।
अगर एक्सेस कोड नहीं मिला है, तो तुरंत अपने स्कूल से संपर्क करें।
डिजिलॉकर पर उपलब्ध दस्तावेज़ कानूनी रूप से मान्य हैं और इन्हें कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
CBSE ने इस सुविधा से छात्रों को डिजिटल रूप से अपने दस्तावेज़ प्राप्त करने में आसानी प्रदान की है। अगर आपको कोई समस्या आती है, तो अपने स्कूल या डिजिलॉकर सपोर्ट से संपर्क करें।
CBSE इसी साल यानी एकेडमिक ईयर 2025-26 से कई बड़े बदलाव लागू कर रहा है, जो कक्षा 12वीं तक के सभी छात्रों को जानना बेहद जरूरी है।
एक तरफ सीबीएसई यानी सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन जल्द बोर्ड एग्जाम 2024 के रिजल्ट जारी करने की तैयारी हो रही तो दूसरी ओर सीबीएसई ने हाल ही में नए एकेडमिक सेशन 2025-26 के लिए सिलेबस अपडेट जारी कर दिया है। साथ ही नए टीचिंग मेथेड, ग्रेडिंग सिस्टम और प्रैक्टिकल लर्निंग को लेकर कई बड़े ऐलान भी किए गए हैं। बोर्ड ने महज बुक्स में बदलाव नहीं किया है,बल्कि पूरे सिस्टम में कुछ बदल कर बड़ा बदलाव लाने की कोशिश की है।
अब 1 साल में 2 बार बोर्ड एग्जाम
बोर्ड ने बताया कि इसी सेशन से कक्षा 10वीं के छात्रों के लिए अब बोर्ड एग्जाम साल में 2 बार आयोजित किए जाएंगे, पहला बोर्ड एग्जाम फरवरी में तो दूसरा एग्जाम अप्रैल में आयोजित होगा, यानी कि अगर कक्षा 10वीं में अगर मार्च वाली परीक्षा में फेल हुए तो अप्रैल में अपने में सुधार लाकर दूसरे मौके में पास होने की कोशिश कर सकते हैं, इसके लिए साल भर की इंतजार नहीं करना होगा। हालांकि इंटरमीडिएट यानी कक्षा 12वीं में पहले जैसे एक ही बार एग्जाम देना है।
ग्रेडिंग सिस्टम में भी बदलाव
इसके अलावा, बोर्ड ने ग्रेडिंग सिस्टमें को भी बदला है, जिसमें 9-पॉइंट स्केल किया है, ये कक्षा 10वीं, 12वीं की परिणाम में लागू होंगे यानी अब A1,A2,B1 आदि जैसा चक्कर नहीं बल्कि 9 पॉइंट स्केल मिलेगा। पास होने वाले प्रत्येक 8 छात्रों में से एक को अब एक ग्रेड स्लॉट मिलेगा।
स्किल बेस्ड सब्जेक्ट होंगे शामिल
सीबीएसई बोर्ड कक्षा 10वीं के छात्रों के लिए इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, कंप्यूटर एप्लीकेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे सब्जेक्ट को शामिल कर स्किल बेस्ड एजुकेशन पर जोर दे रहा है, इसके अतिरिक्त कक्षा 9वीं और 10वीं के दौरान छात्रों को अंग्रेजी या हिंदी में से किसी एक लैंग्वेज को चुनना जरूरी कर दिया गया है। वहीं, कक्षा 12वी में बोर्ड ने 4 नए स्किल इलेक्टिव्स को शामिल किया, जिनमें लैंड ट्रांसपोर्टेशन एसोशिएट, इलेक्ट्रेनिक एंड हार्डवेयर, फिजिकल एक्विटी ट्रेनर और डिजाइन थिंकिंग एंड इनोवेशन शामिल है। साथ ही 12वीं के बोर्ड एग्जाम में अब छात्रों को बेसिक कैलकुलेटर इस्तेमाल करने की छूट मिलेगी।
अगर फेल हुए तो अब…?
कक्षा 10वीं के बोर्ड एग्जाम पास करने के लिए छात्रों को वही पुराने 33 फीसदी नंबर लाने ही होंगे, अगर कम नंबर आए तो आप फेल होंगे, मसलन अगर कोई छात्र साइंस, मैथ, सोशल साइंस जैसे किसी सब्जेक्ट में फेल हुआ तो वह पास हो सकेगा, इसे ऐसे समझें कि अगर कोई छात्र किसी सब्जेक्ट में फेल हुआ, तो वह स्किल बेस्ड या ऑप्शनल लैंग्वेज सब्जेक्ट से बदल सकेगा। जैसे अगर आप मैथ में फेल हुए तो स्किल बेस्ड सब्जेक्ट के नंबर मैथ के नंबर का स्थान ले लेंगे।
नई दिल्ली: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने छात्रों के लिए एक बड़ा बदलाव करते हुए अगले साल से कक्षा 9 में विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के दो स्तर (स्टैंडर्ड और एडवांस्ड) पेश करने का ऐलान किया है। यह कदम नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुरूप है और इसका असर सीधे 2028 की कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षाओं में दिखेगा।
क्या है पूरा प्लान?
2026-27 से: कक्षा 9 के छात्र विज्ञान और सामाजिक विज्ञान को स्टैंडर्ड (मानक) और एडवांस्ड (उन्नत) लेवल में पढ़ेंगे।
2027-28 से: यह सिस्टम कक्षा 10 में भी लागू होगा।
2028 बोर्ड परीक्षा: इन विषयों की परीक्षा एक ही पेपर में अतिरिक्त सवाल या अलग-अलग पेपर के साथ हो सकती है।
NEP 2020 का लक्ष्य
CBSE चेयरमैन राहुल सिंह के मुताबिक, “यह बदलाव NEP 2020 की सिफारिशों को ध्यान में रखकर लिया गया है, जहां छात्र कुछ विषयों को मानक स्तर पर और कुछ को उन्नत स्तर पर पढ़ सकते हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि 2028 की बोर्ड परीक्षा में दोनों स्तरों के लिए अलग-अलग पेपर या एक ही पेपर में एक्स्ट्रा सेक्शन का विकल्प होगा।
क्यों है यह फैसला अहम?
छात्रों को अपनी रुचि और क्षमता के हिसाब से विषय चुनने का मौका मिलेगा।
एडवांस्ड लेवल इंजीनियरिंग, मेडिकल या सामाजिक विज्ञान के गहन अध्ययन में मदद करेगा।
स्टैंडर्ड लेवल उन छात्रों के लिए राहत भरा होगा जो बेसिक समझ पर फोकस करना चाहते हैं।
क्या कहती है रिपोर्ट?
CBSE के शासी निकाय ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब पाठ्यक्रम समिति जल्द ही नए सिलेबस और एग्जाम पैटर्न को अंतिम रूप देगी। शिक्षकों और अभिभावकों को उम्मीद है कि यह कदम छात्रों पर एक्स्ट्रा प्रेशर नहीं डालेगा, बल्कि उनकी स्किल्स को निखारेगा।
आपकी क्या राय है? क्या CBSE का यह फैसला छात्रों के भविष्य के लिए सही है? कमेंट में बताएं!
17 February – Physical Education 21 February – Physics 22 February-Business Study 24 February-Geography 27 February – Chemistry 8 March – Maths 11 March – English 12 March-Physical Activity Trainer 15 March – Hindi 19 March-Economics 22 March-Political Science 25 March – Biology 26 March-Accountancy 29 March – C.S/I.P 01 April-History
10th Board Exam Schedule Date and Subject Wise
15 February – English 20 February – Science 22 February – Sanskrit 25 February – Social Science 28 February – Hindi 10 March – Maths 18 March – AI
Class 10
15 Feb Eng 20 Feb Sc 25 Feb S Sc 28 Feb Hindi 10 Mar Maths 18 Mar AI
Class XII Science
17.02.25 – physical education 21.2.25 PhySics 27.2.25 Chemistry 8.3.25 Mathematics 11.3.25 English 15.3.25 Hindi 25.3.25 Biology 29.3.25 CS/I.P
Class 12Com
17 Feb Ph Ed 22 Feb Bst 8 Mar Maths 11 Mar Eng 15 Mar Hindi 19 Mar Eco 26 Mar Acc
Class 12 Humanities
17 Feb Ph. Ed 24 Feb – Geography 11 Mar Eng 15 Mar Hindi 19 Mar Eco 01.04.25 – History
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की धारा 23.6 के अनुसार, शिक्षा में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) का एकीकरण आवश्यक हो गया है। इसका उद्देश्य शैक्षिक अभ्यासों में क्रांतिकारी बदलाव लाना और छात्रों की भागीदारी, लचीलापन और व्यक्तिगत अधिगम को बढ़ावा देना है। गणित शिक्षा में, आईसीटी उपकरण विभिन्न अधिगम आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायक होते हैं, जिससे व्यक्तिगत शिक्षा अनुभव और समावेशिता को बढ़ावा मिलता है।
गणित का अधिगम अक्सर शिक्षकों और छात्रों के लिए चुनौतीपूर्ण होता है। पारंपरिक शिक्षण विधियाँ इन चुनौतियों का समाधान करने में सक्षम नहीं होतीं। आईसीटी, विशेषकर मुक्त और मुक्त स्रोत सॉफ़्टवेयर (FOSS) के माध्यम से, शिक्षक गतिशील और संवादात्मक डिजिटल संसाधनों जैसे सिमुलेशन और शैक्षिक खेल बना सकते हैं। उदाहरण के लिए, जियोजेब्रा जैसे उपकरण विश्लेषणात्मक सोच और समस्या-समाधान को प्रोत्साहित करते हैं।
NEP 2020 की धारा 24.4 (d) में डिजिटल शैक्षिक संसाधनों के भंडार की आवश्यकता पर बल दिया गया है। डिजिटल उपकरणों के माध्यम से, शिक्षक व्यक्तिगत निर्देश और प्रभावी मूल्यांकन कर सकते हैं, जिससे गणित शिक्षा अधिक समावेशी और आकर्षक बनती है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का विवरण
सीआईईटी-एनसीईआरटी द्वारा “गणित शिक्षण एवं अधिगम के लिए आईसीटी” पर एक ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम के दो संस्करण होंगे:
अंग्रेजी संस्करण: 14 से 18 अक्टूबर 2024
हिंदी संस्करण: 21 से 25 अक्टूबर 2024
सत्र प्रतिदिन शाम 4:00 से 5:00 बजे तक आयोजित होंगे।
कार्यक्रम के उद्देश्य
समकालीन गणित शिक्षा में आईसीटी के महत्व को समझना।
गणित के शिक्षण और अधिगम के लिए आईसीटी की आवश्यकता का अध्ययन करना।
ऑडियो और वीडियो संसाधनों का एकीकरण।
FOSS उपकरणों, जैसे GeoGebra, का उपयोग।
इमर्सिव प्रौद्योगिकियों का अध्ययन।
डिजिटल खेलों और अनुप्रयोगों का उपयोग।
नवाचारी शिक्षण दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करना।
भाग लेने के लिए पात्रता
यह कार्यक्रम विद्यार्थियों, शिक्षकों, शिक्षक प्रशिक्षकों, अभिभावकों, प्रशासकों और अन्य सभी के लिए है।
कार्यक्रम अनुसूची
दिन और तिथि
सत्रों का शीर्षक
संसाधन व्यक्तियों के नाम
दिन 1: सोमवार, 21 अक्टूबर 2024
गणित शिक्षण और अधिगम के लिए ICT – नीति दृष्टिकोण, आवश्यकता और दायरा
डॉ. ए.के. वझलवार, प्रोफेसर, एनसीईआरटी, नई दिल्ली
दिन 2: मंगलवार, 22 अक्टूबर 2024
गणित के शिक्षण और अधिगम के लिए ऑडियो और वीडियो संसाधन
डॉ. जगन्मोहन राव गुरुगुबेली, सहायक प्रोफेसर, एनसीईआरटी
दिन 3: बुधवार, 23 अक्टूबर 2024
गणित के शिक्षण और अधिगम के लिए FOSS
कुमारी संगीता गुलाटी, राष्ट्रीय आईसीटी पुरस्कार विजेता
दिन 4: गुरुवार, 24 अक्टूबर 2024
गणित के शिक्षण और अधिगम के लिए इमर्सिव प्रौद्योगिकियां
डॉ. मोहम्मद मामूर अली, सहायक प्रोफेसर, जामिया मिलिया
दिन 5: शुक्रवार, 25 अक्टूबर 2024
गणित के शिक्षण और अधिगम के लिए डिजिटल गेम्स और ऐप्स
The integration of Information and Communication Technology (ICT) into education has become a vital aspect of transforming teaching and learning practices, as emphasized in the National Education Policy (NEP) 2020. This approach aims to create a technologically advanced environment that promotes engagement, flexibility, and personalized learning, particularly in mathematics education.
The Role of ICT in Mathematics Learning
Mathematics can often pose challenges for both educators and learners. Traditional methods may not effectively cater to diverse learning preferences. However, by utilizing ICT, especially Free and Open Source Software (FOSS), educators can create dynamic resources such as simulations, instructional games, and interactive graphs. These tools help deepen conceptual understanding and enhance learner motivation. For instance, GeoGebra integrates algebra, geometry, and calculus, offering visualizations that foster analytical thinking and problem-solving.
Moreover, the NEP 2020 underscores the need for a comprehensive repository of digital educational resources, allowing educators to provide interactive visualizations and personalized instruction, ensuring mathematics education is accessible to all learners.
Upcoming Online Training: “ICT for Teaching and Learning of Mathematics”
To align with this vision, CIET-NCERT is hosting a five-day online training program, which will run in two versions:
English Version: October 14–18, 2024
Hindi Version: October 21–25, 2024
Sessions are scheduled daily from 4:00 PM to 5:00 PM, providing educators with insights into effectively integrating ICT tools into mathematics instruction.
Training Objectives Participants will:
Understand the significance of ICT in contemporary mathematics education.
Examine the scope of ICT for teaching and learning mathematics.
Develop skills in integrating audio and video resources into instruction.
Explore FOSS tools like GeoGebra for effective teaching.
Investigate immersive technologies in teaching mathematical concepts.
Identify digital games and applications to enhance engagement.
Foster innovative pedagogical approaches using ICT.
Who Can Participate?
This program is open to students, teachers, teacher educators, parents, administrators, and anyone interested in the field.
Program Schedule
Day & Date
Title of the Sessions
Resource Persons
Presentation Link
Video Link
Day 1: Monday, 14 October 2024
ICT for Teaching and Learning of Mathematics – Policy Perspectives, Need and Scope
Live Sessions: Attend the live-streamed sessions on the NCERT Official YouTube channel (NCERT YouTube) from October 14–18, 2024. They will also be available on PM eVIDYA channels, DD Free Dish, DISH TV, and Jio TV. Recordings can be accessed here.
Online Course: For a certificate, join the online course on the DIKSHA portal (Course Link), available until March 30, 2025. Complete all five videos and the final assessment to qualify.
In today’s evolving educational landscape, teaching methodologies have transcended traditional classroom settings. The integration of technology in education has ushered in innovative approaches that support the holistic development of learners. One powerful tool making waves in this arena is animation. This dynamic resource not only enhances the comprehension of complex concepts but also makes learning more engaging and enjoyable for students. By providing visual representations of various topics, animation transforms the learning experience into something vibrant and effective.
The Power of Animation in Education
The popularity of animation in education is rapidly increasing due to its ability to simplify and clarify intricate ideas. Whether it’s explaining a scientific process or illustrating a historical event, animated videos bring subjects to life, making them more accessible and interesting for students. This blend of entertainment and education through animated eLearning videos particularly appeals to today’s tech-savvy students, who often prefer concise, informative, and engaging content over traditional lectures.
To empower educators and stakeholders with the skills necessary to harness the potential of animation in teaching, CIET-NCERT is organizing a five-day online training program titled “Animation as Digital Resource for Teaching and Learning.” This training will be conducted from 16th to 20th September 2024 (English version) and from 23rd to 27th September 2024 (Hindi version), from 4:00 pm to 5:00 pm each day.
Objectives of the Training
The training aligns with the overarching goals of the National Education Policy (NEP) 2020 and focuses not only on the technical aspects of creating and using animations but also emphasizes the pedagogical benefits these digital tools offer. The objectives of the training include:
Understanding the role of animation in modern education.
Exploring different types of educational animations.
Learning to create animations using various tools.
Identifying resources for developing educational animations.
Integrating animations into teaching practices.
Enhancing student engagement through animated content.
Applying animation to simplify complex concepts.
Promoting innovative teaching methodologies using animation.
Who Can Participate?
This program welcomes a diverse audience, including students, teachers, teacher educators, parents, administrators, and anyone interested in enhancing their educational practices through animation.
Program Schedule
Here’s the schedule for the five-day training program:
Day & Date
Title of the Session
Resource Person
Presentation Link
Video Link
Day 1:
Animation in Teaching-Learning Process: Policy Perspective, Concept, and Scope
Dr. Angel Rathnabai, Assistant Professor, CIET-NCERT, New Delhi
Step 2: Attend Live Training Sessions Participants must attend the training sessions, which will be live-streamed on the NCERT Official YouTube channel (NCERT YouTube) from 16th to 20th September 2024, from 4:00 pm to 5:00 pm. The sessions will also be telecast live on various platforms:
PM eVIDYA channels #6-12
DD Free Dish channel #28-34
DISH TV channels #2027-2033
Jio TV mobile app
If anyone misses the live sessions, they can watch the recordings using this playlist: YouTube Playlist.
Step 3: Online Course and Certification For those interested in earning a certificate, follow these steps:
Join the online course on the DIKSHA portal: DIKSHA Course. This course will remain open until 30 March 2025. Participants need to watch all five videos and complete the final assessment, which can be attempted thrice. A score of 70% and above will earn a certificate, accessible on the DIKSHA profile page within 15-20 days.
Step 4: Submit Feedback Provide your feedback using the link or the QR code: Feedback Form. This feedback form aims to gather participants’ experiences, learning, and suggestions to improve the virtual training process.
वर्तमान में शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे परिवर्तनों के साथ, शिक्षण पद्धतियाँ अब केवल पारंपरिक कक्षा तक सीमित नहीं हैं। शिक्षा में प्रौद्योगिकी के समावेश ने ऐसे नवीन दृष्टिकोणों को जन्म दिया है जो शिक्षार्थियों के सर्वांगीण विकास को प्रोत्साहित करते हैं। एनिमेशन एक ऐसा ही शक्तिशाली उपकरण है, जो न केवल जटिल अवधारणाओं की समझ को सरल बनाता है, बल्कि अधिगम को छात्रों के लिए अधिक रोचक और आनंददायक बनाता है। विभिन्न विषयों के दृश्य प्रस्तुतीकरण के माध्यम से, एक शैक्षिक संसाधन के रूप में एनिमेशन अधिगम के अनुभव को अधिक गतिशील और प्रभावी बना देता है।
शिक्षा में एनिमेशन का महत्व इस कारण बढ़ रहा है क्योंकि यह जटिल विचारों को सरल और स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करने में सक्षम है। चाहे वैज्ञानिक प्रक्रिया की व्याख्या हो या ऐतिहासिक घटना का चित्रण, एनिमेटेड वीडियो विषयों को जीवन्त बनाते हैं, जिससे वे छात्रों के लिए अधिक सुलभ और आकर्षक हो जाते हैं। मनोरंजन और शिक्षा का यह समन्वय, एनिमेटेड ई-लर्निंग वीडियो के माध्यम से, विशेष रूप से आज के तकनीकी-प्रेमी छात्रों को आकर्षित करता है, जो पारंपरिक व्याख्यानों की तुलना में संक्षिप्त, सूचनात्मक और रोचक सामग्री को प्राथमिकता देते हैं।
शिक्षकों और हितधारकों को एनिमेशन की क्षमता का लाभ उठाने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करने के उद्देश्य से, सीआईईटी-एनसीईआरटी “शिक्षण और अधिगम के लिए डिजिटल संसाधन के रूप में एनिमेशन” शीर्षक से पाँच दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। यह प्रशिक्षण 16 से 20 सितंबर, 2024 (अंग्रेज़ी संस्करण) और 23 से 27 सितंबर, 2024 (हिंदी संस्करण) को प्रतिदिन अपराह्न 4:00 बजे से 5:00 बजे तक आयोजित किया जाएगा।
यह प्रशिक्षण राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के व्यापक उद्देश्यों के अनुरूप है, जो न केवल एनिमेशन के निर्माण और उपयोग के तकनीकी पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करता है, बल्कि इन डिजिटल उपकरणों से होने वाले शैक्षणिक लाभों को भी रेखांकित करता है। एक शैक्षिक संसाधन के रूप में एनिमेशन की गहन समझ को प्रोत्साहित कर, यह प्रशिक्षण शिक्षकों की उस क्षमता को बढ़ाने का उद्देश्य रखता है, जिससे वे छात्रों के लिए आकर्षक, छात्र-केंद्रित शिक्षण वातावरण तैयार कर सकें, जो आज के डिजिटल-प्रवृत्त छात्रों की आवश्यकताओं को पूरा करता हो।
प्रशिक्षण के उद्देश्य:
आधुनिक शिक्षा में एनिमेशन की भूमिका को समझना।
शैक्षिक एनिमेशन के विभिन्न प्रकारों का अन्वेषण करना।
विभिन्न उपकरणों का उपयोग करके एनिमेशन निर्माण की प्रक्रिया सीखना।
शैक्षिक एनिमेशन के विकास हेतु संसाधनों की पहचान करना।
शिक्षण प्रक्रियाओं में एनिमेशन का समावेश करना।
एनिमेटेड सामग्री के माध्यम से छात्र सहभागिता को बढ़ाना।
जटिल अवधारणाओं को सरल बनाने के लिए एनिमेशन का उपयोग करना।
एनिमेशन का उपयोग कर नवाचारी शिक्षण पद्धतियों को प्रोत्साहित करना।
कौन भाग ले सकता है?
छात्र, शिक्षक, शिक्षक प्रशिक्षक, अभिभावक, प्रशासक और वे सभी जो उपरोक्त कार्यक्रम में रुचि रखते हैं।
कार्यक्रम अनुसूची:
दिन व तिथि
सत्र का शीर्षक
विशेषज्ञ
बैनर लिंक
प्रस्तुति लिंक
विडियो लिंक
दिन 1: सोमवार, 23 सितंबर, 2024
शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में एनीमेशन: नीति परिप्रेक्ष्य, अवधारणा, और दायरा
डॉ प्रणिता गोपाल, सहायक प्रोफेसर, सीआईईटी-एनसीईआरटी, नई दिल्ली श्री प्रतीक शर्मा, ग्रेड – I, ग्राफ़िक सहायक, सीआईईटी-एनसीईआरटी, नई दिल्ली
Day 1
Presentation_Day 1
Video
दिन 2: मंगलवार, 24 सितंबर, 2024
Krita का उपयोग करके एनीमेशन बनाना
श्री संतोष कुमार बिसेन, पीजीटी (जीवविज्ञान), जवाहर नवोदय विद्यालय, रायपुर, छत्तीसगढ़
Day 2
Presentation_Day 2
Video
दिन 3: बुधवार, 25 सितंबर, 2024
Stop Motion एनीमेशन बनाना
श्री अमोल किसन हंकारे, विषय शिक्षक, जिल्हा परिषद शाळा नं २, कुची, महाराष्ट्र
Day 3
Presentation_Day 3
Video
दिन 4: गुरुवार, 26 सितंबर, 2024
Pixton का उपयोग करके कॉमिक स्ट्रिप्स बनाना
सुश्री प्रतिमा सिंह, सहायक अध्यापक पी एम श्री उच्च प्राथमिक विद्यालय धुसाह बलरामपुर उत्तर प्रदेश
Day 4
Presentation_Day 4
Video
दिन 5: शुक्रवार, 27 सितंबर, 2024
Biteable का उपयोग करके एनीमेशन बनाना
श्रीमती सोना ओ के, स्नातकोत्तर शिक्षक (कंप्यूटर विज्ञान) राष्ट्रीय आईसीटी पुरस्कार प्राप्तकर्ता परमाणु ऊर्जा केंद्रीय विद्यालय – 3 तारापुर, महाराष्ट्र
चरण 2: सीधा प्रसारण सत्र देखें और विषय के बारे में जानें: प्रतिभागियों को प्रशिक्षण सत्र में भाग लेना होगा, जिसका एनसीईआरटी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल – http://youtube.com/ncertofficial पर सीधा प्रसारण 23 – 27 सितंबर, 2024 को शाम 4.00 बजे से 5.00 बजे (सोमवार से शुक्रवार) तक किया जाएगा। सत्र का सीधा प्रसारण निम्नलिखित चैनलों पर भी किया जाएगा:
पीएम ईविद्या चैनल #6-12
डीडी फ्री डिश चैनल
डिश टीवी चैनल #2027-2033
Jio टीवी मोबाइल ऐप
यदि कोई प्रतिभागी लाइव सत्र देखने से वंचित रह गया है, तो वे प्लेलिस्ट लिंक का उपयोग करके रिकॉर्डिंग देख सकता हैं। Recorded Sessions Playlist
चरण 3: ऑनलाइन पाठ्यक्रम में नामांकन करें, सत्रोत्तर गतिविधि में भाग लें और प्रमाण पत्र प्राप्त करें: यदि आप प्रमाण-पत्र प्राप्त करने में रुचि रखते हैं, तो आपको निम्नलिखित कार्य करने होंगे:
दीक्षा पोर्टल पर लॉन्च होने वाले ऑनलाइन पाठ्यक्रम में शामिल हों। पाठ्यक्रम लिंक: Online Course Link यह कोर्स 30 मार्च, 2025 तक खुला रहेगा।
प्रतिभागियों को पाठ्यक्रम में शामिल होना होगा, सभी पांचों वीडियो देखने होंगे।
प्रतिभागियों को अंतिम मूल्यांकन करने की आवश्यकता है। प्रतिभागी तीन बार मूल्यांकन का प्रयास कर सकते हैं।
अंतिम मूल्यांकन में 70% और उससे अधिक अंक प्राप्त करने पर प्रतिभागी को एक सर्टिफिकेट प्राप्त होगा।
संक्षेप में:
एनिमेशन के माध्यम से शिक्षा को सशक्त बनाने का यह अवसर न केवल शिक्षकों के कौशल को बढ़ाएगा, बल्कि छात्रों के अधिगम के अनुभव को भी समृद्ध करेगा। इस ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेकर, हम भविष्य की शिक्षा के लिए एक मजबूत नींव रखने में सहायक हो सकते हैं।
नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) जल्द ही कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षा की तारीखों की घोषणा करने वाला है। संभावना है कि परीक्षाएं फरवरी में शुरू होंगी और अप्रैल तक समाप्त हो जाएंगी। एक पूर्व पीटीआई पोस्ट के अनुसार, परीक्षा 15 फरवरी 2025 से शुरू होने की उम्मीद है।
2023 से, सीबीएसई 15 फरवरी को बोर्ड परीक्षाएं आयोजित कर रहा है। 2021 में ये परीक्षाएं 4 मई से 7 जून तक और 2022 में 26 अप्रैल से 24 मई तक हुई थीं।
परीक्षा पेन और पेपर के माध्यम से आयोजित की जाएगी। प्रायोगिक परीक्षाओं के लिए बोर्ड अलग डेट शीट जारी करेगा। कक्षा 12 की प्रायोगिक परीक्षा बाहरी परीक्षक की देखरेख में होगी, जबकि कक्षा 10 की प्रायोगिक परीक्षा केवल स्कूल के शिक्षकों की उपस्थिति में आयोजित की जाएगी।
सीबीएसई की कक्षा 10 और 12 की डेट शीट में परीक्षा के दिन, तारीखें, समय और छात्रों के लिए सामान्य निर्देश शामिल होंगे।
इस बीच, सीबीएसई द्विवार्षिक परीक्षाओं के साथ एक सेमेस्टर प्रणाली की खोज कर रहा है। वर्तमान में, कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षाएं फरवरी-मार्च में आयोजित की जाती हैं। अधिकारियों के अनुसार, अभी तक यह निर्णय नहीं लिया गया है कि यह प्रणाली कब और किस प्रारूप में लागू की जाएगी।
बोर्ड ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को सूचित किया है कि वर्तमान प्रणाली में कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षाओं के संचालन के लिए 150 से अधिक चरणों की आवश्यकता होती है। मंत्रालय का प्रारंभिक विचार था कि द्विवार्षिक परीक्षाएं 2024-25 सत्र से शुरू की जाएं, लेकिन अब इसे एक वर्ष के लिए स्थगित कर दिया गया है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुसार, पूर्व इसरो अध्यक्ष के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में राष्ट्रीय संचालन समिति द्वारा तैयार किए गए नए एनसीएफ के तहत कक्षा 11 और 12 के छात्रों के लिए सेमेस्टर प्रणाली का प्रस्ताव दिया गया है।