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CBSE डिजिलॉकर एकाउंट एक्टिवेशन गाइड: क्लास X और XII के छात्रों के लिए पूरी जानकारी

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने साल 2025 के बोर्ड परीक्षा के नतीजों के डिजिटल दस्तावेज़ (मार्कशीट, सर्टिफिकेट और माइग्रेशन सर्टिफिकेट) को डिजिलॉकर के जरिए उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है। इसके लिए छात्रों को एक 6 अंकों का एक्सेस कोड चाहिए, जो उनके स्कूल द्वारा प्रदान किया जाएगा। आइए, इस पूरी प्रक्रिया को आसान हिंदी में समझते हैं।


स्कूलों के लिए एक्सेस कोड डाउनलोड करने की प्रक्रिया

  1. स्कूल लॉगिन करें
    • स्कूल प्राधिकरण को इस लिंक पर जाना होगा: https://cbse.digitallocker.gov.in/public/auth/login
    • LOC क्रेडेंशियल्स (स्कूल का यूजरनेम और पासवर्ड) का उपयोग करके लॉगिन करें और “Login as School” का विकल्प चुनें।
  2. एक्सेस कोड फाइल डाउनलोड करें
    • लॉगिन के बाद, बाएं पैनल पर “Download Access Code file” का विकल्प दिखेगा।
    • क्लास X के छात्रों के लिए: Download Access Code for Class X पर क्लिक करें।
    • क्लास XII के छात्रों के लिए: Download Access Code for Class XII पर क्लिक करें।
  3. छात्रों को एक्सेस कोड शेयर करें
    • डाउनलोड की गई फाइल में छात्रों के रोल नंबर के अनुसार 6 अंकों का एक्सेस कोड होगा।
    • स्कूल प्रत्येक छात्र को उनका कोड सुरक्षित तरीके से (जैसे ईमेल, SMS या प्रिंट आउट) भेजें।

छात्रों के लिए डिजिलॉकर एकाउंट एक्टिवेट करने की प्रक्रिया

भारत में पढ़ने वाले छात्रों के लिए

  1. डिजिलॉकर एक्टिवेशन पेज पर जाएँ
  2. अपनी जानकारी भरें
    • अपनी क्लास (X या XII) चुनें।
    • स्कूल कोड, रोल नंबर और 6 अंकों का एक्सेस कोड (स्कूल द्वारा दिया गया) डालें।
    • “Next” पर क्लिक करें।
  3. मोबाइल नंबर और OTP वेरिफाई करें
    • आपका नाम, जेंडर और अन्य डिटेल्स दिखाई देंगी।
    • अपना 10 अंकों का मोबाइल नंबर डालें और “Submit” दबाएँ।
    • OTP आपके मोबाइल पर आएगा, उसे एंटर करें।
  4. डिजिलॉकर एकाउंट एक्टिवेट हो गया!
    • सफल वेरिफिकेशन के बाद “Go to DigiLocker Account” पर क्लिक करें।
    • परिणाम घोषित होने के बाद, आपकी मार्कशीट “Issued Documents” सेक्शन में दिखेगी।

विदेश में पढ़ने वाले छात्रों के लिए

  1. विकल्प 1: पोर्टल के जरिए
    • https://results.digilocker.gov.in/ पर जाएँ।
    • अपना रोल नंबर, क्लास और जन्मतिथि डालकर “Submit” करें।
    • रिजल्ट पेज के नीचे “Click here” (फॉरेन स्टूडेंट्स के लिए) पर क्लिक करें।
    • अपना ईमेल और फोन नंबर डालें, डिजिटल मार्कशीट आपके ईमेल पर भेज दी जाएगी।
  2. विकल्प 2: सपोर्ट टिकट बनाएँ
    • https://nad-support.digilocker.gov.in/ पर जाएँ।
    • “CBSE International Student 2025” कैटेगरी चुनें और अपना विवरण भरें।
    • सपोर्ट टीम आपकी मदद करेगी।

महत्वपूर्ण नोट्स

  • अगर आपका मोबाइल नंबर पहले से ही डिजिलॉकर में रजिस्टर्ड है, तो आपको सीधे अपने अकाउंट में रिडायरेक्ट किया जाएगा।
  • अगर एक्सेस कोड नहीं मिला है, तो तुरंत अपने स्कूल से संपर्क करें।
  • डिजिलॉकर पर उपलब्ध दस्तावेज़ कानूनी रूप से मान्य हैं और इन्हें कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

CBSE ने इस सुविधा से छात्रों को डिजिटल रूप से अपने दस्तावेज़ प्राप्त करने में आसानी प्रदान की है। अगर आपको कोई समस्या आती है, तो अपने स्कूल या डिजिलॉकर सपोर्ट से संपर्क करें।

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CBSE इसी साल से लागू कर रही कई बड़े बदलाव, कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं के छात्र सभी के लिए जानना जरूरी

CBSE इसी साल यानी एकेडमिक ईयर 2025-26 से कई बड़े बदलाव लागू कर रहा है, जो कक्षा 12वीं तक के सभी छात्रों को जानना बेहद जरूरी है।

एक तरफ सीबीएसई यानी सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन जल्द बोर्ड एग्जाम 2024 के रिजल्ट जारी करने की तैयारी हो रही तो दूसरी ओर सीबीएसई ने हाल ही में नए एकेडमिक सेशन 2025-26 के लिए सिलेबस अपडेट जारी कर दिया है। साथ ही नए टीचिंग मेथेड, ग्रेडिंग सिस्टम और प्रैक्टिकल लर्निंग को लेकर कई बड़े ऐलान भी किए गए हैं। बोर्ड ने महज बुक्स में बदलाव नहीं किया है,बल्कि पूरे सिस्टम में कुछ बदल कर बड़ा बदलाव लाने की कोशिश की है।

अब 1 साल में 2 बार बोर्ड एग्जाम

बोर्ड ने बताया कि इसी सेशन से कक्षा 10वीं के छात्रों के लिए अब बोर्ड एग्जाम साल में 2 बार आयोजित किए जाएंगे, पहला बोर्ड एग्जाम फरवरी में तो दूसरा एग्जाम अप्रैल में आयोजित होगा, यानी कि अगर कक्षा 10वीं में अगर मार्च वाली परीक्षा में फेल हुए तो अप्रैल में अपने में सुधार लाकर दूसरे मौके में पास होने की कोशिश कर सकते हैं, इसके लिए साल भर की इंतजार नहीं करना होगा। हालांकि इंटरमीडिएट यानी कक्षा 12वीं में पहले जैसे एक ही बार एग्जाम देना है।

ग्रेडिंग सिस्टम में भी बदलाव

इसके अलावा, बोर्ड ने ग्रेडिंग सिस्टमें को भी बदला है, जिसमें 9-पॉइंट स्केल किया है, ये कक्षा 10वीं, 12वीं की परिणाम में लागू होंगे यानी अब A1,A2,B1 आदि जैसा चक्कर नहीं बल्कि 9 पॉइंट स्केल मिलेगा। पास होने वाले प्रत्येक 8 छात्रों में से एक को अब एक ग्रेड स्लॉट मिलेगा।

स्किल बेस्ड सब्जेक्ट होंगे शामिल

सीबीएसई बोर्ड कक्षा 10वीं के छात्रों के लिए इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, कंप्यूटर एप्लीकेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे सब्जेक्ट को शामिल कर स्किल बेस्ड एजुकेशन पर जोर दे रहा है, इसके अतिरिक्त कक्षा 9वीं और 10वीं के दौरान छात्रों को अंग्रेजी या हिंदी में से किसी एक लैंग्वेज को चुनना जरूरी कर दिया गया है। वहीं, कक्षा 12वी में बोर्ड ने 4 नए स्किल इलेक्टिव्स को शामिल किया, जिनमें लैंड ट्रांसपोर्टेशन एसोशिएट, इलेक्ट्रेनिक एंड हार्डवेयर, फिजिकल एक्विटी ट्रेनर और डिजाइन थिंकिंग एंड इनोवेशन शामिल है। साथ ही 12वीं के बोर्ड एग्जाम में अब छात्रों को बेसिक कैलकुलेटर इस्तेमाल करने की छूट मिलेगी।

अगर फेल हुए तो अब…?

कक्षा 10वीं के बोर्ड एग्जाम पास करने के लिए छात्रों को वही पुराने 33 फीसदी नंबर लाने ही होंगे, अगर कम नंबर आए तो आप फेल होंगे, मसलन अगर कोई छात्र साइंस, मैथ, सोशल साइंस जैसे किसी सब्जेक्ट में फेल हुआ तो वह पास हो सकेगा, इसे ऐसे समझें कि अगर कोई छात्र किसी सब्जेक्ट में फेल हुआ, तो वह स्किल बेस्ड या ऑप्शनल लैंग्वेज सब्जेक्ट से बदल सकेगा। जैसे अगर आप मैथ में फेल हुए तो स्किल बेस्ड सब्जेक्ट के नंबर मैथ के नंबर का स्थान ले लेंगे।

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CBSE का बड़ा फैसला! 9वीं से विज्ञान और सामाजिक विज्ञान में दो लेवल, बोर्ड परीक्षा में होगा ये बदलाव? जानें डिटेल्स!

नई दिल्ली: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने छात्रों के लिए एक बड़ा बदलाव करते हुए अगले साल से कक्षा 9 में विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के दो स्तर (स्टैंडर्ड और एडवांस्ड) पेश करने का ऐलान किया है। यह कदम नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुरूप है और इसका असर सीधे 2028 की कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षाओं में दिखेगा।

क्या है पूरा प्लान?

  • 2026-27 से: कक्षा 9 के छात्र विज्ञान और सामाजिक विज्ञान को स्टैंडर्ड (मानक) और एडवांस्ड (उन्नत) लेवल में पढ़ेंगे।
  • 2027-28 से: यह सिस्टम कक्षा 10 में भी लागू होगा।
  • 2028 बोर्ड परीक्षा: इन विषयों की परीक्षा एक ही पेपर में अतिरिक्त सवाल या अलग-अलग पेपर के साथ हो सकती है।

NEP 2020 का लक्ष्य

CBSE चेयरमैन राहुल सिंह के मुताबिक, “यह बदलाव NEP 2020 की सिफारिशों को ध्यान में रखकर लिया गया है, जहां छात्र कुछ विषयों को मानक स्तर पर और कुछ को उन्नत स्तर पर पढ़ सकते हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि 2028 की बोर्ड परीक्षा में दोनों स्तरों के लिए अलग-अलग पेपर या एक ही पेपर में एक्स्ट्रा सेक्शन का विकल्प होगा।

क्यों है यह फैसला अहम?

  • छात्रों को अपनी रुचि और क्षमता के हिसाब से विषय चुनने का मौका मिलेगा।
  • एडवांस्ड लेवल इंजीनियरिंग, मेडिकल या सामाजिक विज्ञान के गहन अध्ययन में मदद करेगा।
  • स्टैंडर्ड लेवल उन छात्रों के लिए राहत भरा होगा जो बेसिक समझ पर फोकस करना चाहते हैं।

क्या कहती है रिपोर्ट?

CBSE के शासी निकाय ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब पाठ्यक्रम समिति जल्द ही नए सिलेबस और एग्जाम पैटर्न को अंतिम रूप देगी। शिक्षकों और अभिभावकों को उम्मीद है कि यह कदम छात्रों पर एक्स्ट्रा प्रेशर नहीं डालेगा, बल्कि उनकी स्किल्स को निखारेगा

आपकी क्या राय है? क्या CBSE का यह फैसला छात्रों के भविष्य के लिए सही है? कमेंट में बताएं!


Board Exam Schedule Date and subject Wise

12th Board Exam Schedule Date and subject Wise

17 February – Physical Education
21 February – Physics
22 February-Business Study
24 February-Geography
27 February – Chemistry
8 March – Maths
11 March – English
12 March-Physical Activity Trainer
15 March – Hindi
19 March-Economics
22 March-Political Science
25 March – Biology
26 March-Accountancy
29 March – C.S/I.P
01 April-History

10th Board Exam Schedule Date and Subject Wise


15 February – English
20 February – Science
22 February – Sanskrit
25 February – Social Science
28 February – Hindi
10 March – Maths
18 March – AI

Class 10


15 Feb Eng
20 Feb Sc
25 Feb S Sc
28 Feb Hindi
10 Mar Maths
18 Mar AI

Class XII Science


17.02.25 – physical education
21.2.25 PhySics
27.2.25 Chemistry
8.3.25 Mathematics
11.3.25 English
15.3.25 Hindi
25.3.25 Biology
29.3.25 CS/I.P

Class 12Com


17 Feb Ph Ed
22 Feb Bst
8 Mar Maths
11 Mar Eng
15 Mar Hindi
19 Mar Eco
26 Mar Acc

Class 12 Humanities

17 Feb Ph. Ed
24 Feb – Geography
11 Mar Eng
15 Mar Hindi
19 Mar Eco
01.04.25 – History

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सीबीएसई डेट शीट 2025: जल्द जारी होगी कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षा की तारीखें

नई दिल्ली:
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) जल्द ही कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षा की तारीखों की घोषणा करने वाला है। संभावना है कि परीक्षाएं फरवरी में शुरू होंगी और अप्रैल तक समाप्त हो जाएंगी। एक पूर्व पीटीआई पोस्ट के अनुसार, परीक्षा 15 फरवरी 2025 से शुरू होने की उम्मीद है।

2023 से, सीबीएसई 15 फरवरी को बोर्ड परीक्षाएं आयोजित कर रहा है। 2021 में ये परीक्षाएं 4 मई से 7 जून तक और 2022 में 26 अप्रैल से 24 मई तक हुई थीं।

परीक्षा पेन और पेपर के माध्यम से आयोजित की जाएगी। प्रायोगिक परीक्षाओं के लिए बोर्ड अलग डेट शीट जारी करेगा। कक्षा 12 की प्रायोगिक परीक्षा बाहरी परीक्षक की देखरेख में होगी, जबकि कक्षा 10 की प्रायोगिक परीक्षा केवल स्कूल के शिक्षकों की उपस्थिति में आयोजित की जाएगी।

सीबीएसई की कक्षा 10 और 12 की डेट शीट में परीक्षा के दिन, तारीखें, समय और छात्रों के लिए सामान्य निर्देश शामिल होंगे।

इस बीच, सीबीएसई द्विवार्षिक परीक्षाओं के साथ एक सेमेस्टर प्रणाली की खोज कर रहा है। वर्तमान में, कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षाएं फरवरी-मार्च में आयोजित की जाती हैं। अधिकारियों के अनुसार, अभी तक यह निर्णय नहीं लिया गया है कि यह प्रणाली कब और किस प्रारूप में लागू की जाएगी।

बोर्ड ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को सूचित किया है कि वर्तमान प्रणाली में कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षाओं के संचालन के लिए 150 से अधिक चरणों की आवश्यकता होती है। मंत्रालय का प्रारंभिक विचार था कि द्विवार्षिक परीक्षाएं 2024-25 सत्र से शुरू की जाएं, लेकिन अब इसे एक वर्ष के लिए स्थगित कर दिया गया है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुसार, पूर्व इसरो अध्यक्ष के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में राष्ट्रीय संचालन समिति द्वारा तैयार किए गए नए एनसीएफ के तहत कक्षा 11 और 12 के छात्रों के लिए सेमेस्टर प्रणाली का प्रस्ताव दिया गया है।

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CBSE Exam : सीबीएसई ने जन्मतिथि लिखने के पैटर्न में किया बदलाव, स्कूलों को निर्देश जारी

शुक्रवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, अब छात्रों को अपनी जन्मतिथि अंक में और जन्म महीना अक्षरों में लिखना होगा। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी छात्र की जन्मतिथि 1 फरवरी 2005 है, तो उसे 01-FEB-2005 के रूप में लिखना होगा। 01-02-2005 लिखा गया फॉर्मेट अब स्वीकार्य नहीं होगा। यह नया पैटर्न न केवल रजिस्ट्रेशन के लिए बल्कि परीक्षा आवेदन पत्र और प्रमाणपत्रों में भी लागू होगा।

बोर्ड के इस फैसले पर सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों के संगठन ‘सहोदया’ के सतीश कुमार ने कहा कि पहले सभी अंकों में जन्मतिथि दर्ज करने से कई बार भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती थी। दिन और महीने के अंक एक जैसे दिखने से गलतफहमियां होती थीं। अब इस नए फॉर्मेट के तहत इन परेशानियों का समाधान हो जाएगा।

साथ ही, इस साल बोर्ड ने एक और महत्वपूर्ण बदलाव किया है—रजिस्ट्रेशन के बाद छात्रों की जानकारी में कोई भी बदलाव नहीं किया जा सकेगा। पहले, परीक्षा से पहले तक स्कूल छात्रों या उनके अभिभावकों के अनुरोध पर नाम और जन्मतिथि में सुधार कर सकते थे, लेकिन अब बोर्ड ने आदेश दिया है कि परीक्षा के परिणाम घोषित होने के बाद ही किसी तरह का संशोधन किया जा सकेगा।

बोर्ड के इन नए नियमों से अब रजिस्ट्रेशन और परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित होगी।

Relative Grading Explained : सीबीएसई ने कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में विषयवार ग्रेड देने के लिए ‘रिलेटिव ग्रेडिंग’ प्रणाली अपनाई है

सीबीएसई ने कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में विषयवार ग्रेड देने के लिए ‘रिलेटिव ग्रेडिंग’ प्रणाली अपनाई है। यह प्रणाली पहले से प्रचलित है, जिसकी सूचना सर्कुलर संख्या CBSE/CE/Coord/2021 दिनांक 25 फरवरी 2021 द्वारा दी जा चुकी है। इस सूचना में उसी सर्कुलर की जानकारी दोहराई जा रही है।

रिलेटिव ग्रेडिंग क्या है?

रिलेटिव ग्रेडिंग एक वैज्ञानिक पद्धति है, जिसमें छात्रों को पहले से तय किए गए अंक सीमा (जैसे 91-100, 81-90) के आधार पर ग्रेड नहीं दिए जाते, बल्कि उस समूह में छात्रों की तुलना की जाती है, जिसमें वे आते हैं। इससे विभिन्न विषयों के लिए अलग-अलग ग्रेड दिए जाते हैं, जो उस विषय में उत्तीर्ण हुए छात्रों की संख्या पर आधारित होते हैं।

ग्रेड देने की प्रक्रिया:

उत्तीर्ण छात्रों को उनकी अंक सूची में कुल 8 समूहों में विभाजित कर ग्रेड दिए जाते हैं:

ग्रेड समूह में स्थान
A1 शीर्ष 1/8 छात्र
A2 अगले 1/8 छात्र
B1 अगले 1/8 छात्र
B2 अगले 1/8 छात्र
C1 अगले 1/8 छात्र
C2 अगले 1/8 छात्र
D1 अगले 1/8 छात्र
D2 अगले 1/8 छात्र
E आवश्यक पुनःपरीक्षा

महत्वपूर्ण बातें:

  1. ग्रेड देने के लिए छात्रों को रैंक ऑर्डर में रखा जाता है।
  2. जहां आवश्यक हो, समान अंक पाने वाले छात्रों को एक ही ग्रेड दिया जाता है।
  3. 500 से अधिक छात्रों वाले विषयों में यह पद्धति लागू होती है। यदि किसी विषय में 500 से कम छात्र हैं, तो उस विषय के समान अन्य विषयों के पैटर्न पर ग्रेडिंग की जाती है।

उदाहरण:

हिंदी विषय में 159052 छात्र पास हुए, इनमें से शीर्ष 1/8 छात्रों (लगभग 19882 छात्र) को A1 ग्रेड मिलेगा, अगले 19882 छात्रों को A2 ग्रेड मिलेगा और इसी तरह आगे बढ़ते हुए D2 तक ग्रेड दिए जाएंगे।

इतिहास विषय में 158585 छात्र पास हुए, इनमें से शीर्ष 1/8 छात्रों (लगभग 19824 छात्र) को A1 ग्रेड मिलेगा।

अर्थशास्त्र विषय में 383647 छात्र पास हुए, जिनमें से शीर्ष 1/8 (लगभग 47956) छात्रों को A1 ग्रेड मिलेगा।

निष्कर्ष:

रिलेटिव ग्रेडिंग प्रणाली में एक छात्र को दो अलग-अलग विषयों में समान अंक मिलने के बावजूद अलग-अलग ग्रेड मिल सकते हैं। यह पूरी तरह से उस विषय में पास हुए छात्रों की संख्या और उनके सापेक्ष स्कोर पर निर्भर करता है।